बहराइच
बीमार माँ को इलाज के लिये एम्बुलेंस न मिलने पर बैल गाड़ी से लेकर गया युवक
लगातर स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक बेहतर स्वास्थ्य सविधाओं पर ज़ोर दे रहे है और इसी क्रम में औचक निरीक्षण से लेकर सारे प्रयास कर रहे है कि किसी तरह स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो जाये और लोग इससे लाभान्वित हो सके लेकिन कही न कहीं एक चूक हो ही जाती है जी हां ताज़ा मामला है उत्तरप्रदेश के जिला बहराइच का जहाँ पीएचसी केंद्र से पहले तो ज़िम्मेदार नदारद मिलते है और तो और बीमार माँ के इलाज के लिए एम्बुलेंस तक न मिल पाती है , फिर बेटा अपनी बीमार माँ को बैल गाड़ी से इलाज के लिये ले जाने को मजबूर हो जाता है ।
यूपी के बहराइच जिले की स्वास्थय व्यवस्था इतनी खराब है कि एक बेटे को गांव में अपनी मां का इलाज न मिलने पर शहर बैल गाड़ी से अपनी मां को ले जाना पड़ा, वहीं रास्ते में ही उस मां ने दम तोड़ दिया
पूरा मामला जनपद बहराइच के तहसील मिहीपुरवा अंतर्गत ग्रामसभा सुजौली निवासी हारून ने बताया की कई दिनों से उसकी मां बीमार थी जिसे वह इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ केंद्र लेकर जाता है जहा उसे डॉक्टर नही मिल रहे थे उसे एंबुलेंस लेकर कही और अस्पताल में लेजाने का मन बनाया लेकिन एंबुलेंस भी नही मिली जिससे परेशान होकर मजबूरन अपनी मां को अपनी बैलगाड़ी पर ही लिटाकर उन्हें 3 किलोमीटर दूर एक निजी चिकित्सक के वहा ले जाता है।
मामले में पीएचसी पर तैनात फार्मेसिस्ट तौकीर अहमद से बात की गई तो उन्होने बताया की पिछले कई महीनों से सुजौली अस्पताल में किसी डॉक्टर की तैनाती नही हुई है ।।