जेल में बंदियों के लिए कौशल विकास योजना बनी वरदान
जेलों में कैदियों के साथ यातनाओं और प्रताड़नाओं की चर्चाएं तो आपने बहुत सुनी होंगी …..लेकिन जेलों में बंदियों को…. हुनरमंद और होनहार बनाने की कवायद बहुत कम सुनी होगी….लेकिन इस कवायद को योगी सरकार ने सच कर दिखाया है । जहाँ यूपी के जेलों में अब बंदियों को प्रशिक्षण देकर हुनरमंद और होनहार बनाया जा रहा है ताकि वो अपराध की दुनिया से निकलकर रोजगार की दुनिया में अपना स्थान बना सकें ।
जी हाँ सरकार द्वारा चलाई जा रही कौशल विकास योजना से भले ही जरूरत मंदों को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाया जा रहा हो…. लेकिन सरकार की इस योजना से जेल में निरुद्ध बंदियों की जन्दगी बदल रही है ।
कुछ ऐसी ही तस्वीर गोंडा जिले के मंडल कारागार में देखने को मिली ,,,जहाँ वरिष्ठ जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार सिंह के निर्देशन में बंदियों को कौशल विकास योजना के अंतर्गत इलेक्ट्रीशियन व कारपेंटर बनाने के लिए जेल परिसर में ही प्रशिक्षण दिया जा रहा है
वहीं महिला बंदियों को सिलाई,कढ़ाई व बुनाई का भी प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वालंबी बनाया जा रहा है ।पिछले 3 महीने में 27 महिला बंदियों व 27 पुरुष बंदियों को अबतक प्रशिक्षित किया जा चुका है और 20 महिलाएँ और 20 पुरुष बंदियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है । जो बंदियों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है ।
मंडल कारागार गोंडा में कैदियों और बंदियों की संख्या लगभग 1 हजार के आस पास है जो कि जेल की क्षमता से लगभग दो गुना है जेलों में बंदियों की बढ़ती संख्या और समाज में पढ़ते अपराध को काम करने के लिए योगी सरकार ने एक शानदार पहल करते हुए कौशल विकास योजना के तहत जेल में निरुद्ध बंदियों को टेक्नीशियन व कारपेंटर बनने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है । वहीं महिला बंदियों को भी सिलाई बुनाई कढ़ाई का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है । वरिष्ठ जेल अधीक्षक पी के सिंह ने बताया की अधिकांश बन्दी गरीब की घराने से आते हैं और यह जब जेल से छूट कर वापस जाते हैं तो इनपर लगे अपराध के धब्बों के कारण लोग इन्हें नौकरी नही देते है जिस कारण यह अपराध की दुनिया में वापस चले आते हैं । जिससे अपराध का ग्राफ बढ़ता रहता है …. लेकिन सरकार के इस पहल से अब बंदियों को बाहर जाने के बाद कहीं नौकरी की तलाश नही करनी पड़ेगी बल्कि वो अपने हुनर से खुद आत्मनिर्भर होकर अपना रोजगार स्थापित कर सकेंगे ।और वो अपराध से दूर रह सकेंगे ।फिलहाल सरकार की इस योजना से जेल बंदियों को हुनरमंद और होनहार बनने का मौका मिलने से बंदियों की जिंदगी बदल रही है,साथ ही बंदियों ने प्रशिक्षण के दौरान यह प्रण लिया कि वो अब अपराध नही करेंगे और न ही अपराध की दुनिया मे कदम रखेंगे बल्कि कुशल कारीगरी से वो अपना परिवार चलाएंगे ।
रिपोर्ट – निर्मल पाठक