आज गोण्डा के इंकलाब फाउंडेशन के तत्वाधान में विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर एक मौन धरना प्रदर्शन किया गया जिसमें जिले के संभ्रांत व्यक्तियों , सामाजिक संगठनों , फौजदारी अधिवक्ता संघ के मंडल अध्यक्ष , छात्र – छात्राएं एवं व्यापारी वर्ग ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया ।
वहीं फौजदारी अधिवक्ता संघ के मंडल अध्यक्ष रवि प्रकाश पांडेय ने कहा कि जिले में विश्वविद्यालय की स्थापना एक बाहुबली नेता नही चाहते कि जिले में विश्वविद्यालय की स्थापना हो क्यूंकि स्थापना होने से उनके बनवाये हुए कॉलेजों पर असर पड़ेगा और ये नकल माफिया जो बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करते है ये स्थापना होने के बाद कहीं के नही रह जायेंगे । और ये सभी प्रदर्शन जो अन्य जिलों में हो रहे है ये सुनयोजित है कुछ कथित पत्रकार और कुछ सामाजिक संगठनों को पैसा देकर ये सारा प्रदर्शन करवाया जा रहा है जिससे इनकी दाल रोटी चलती रहे ।
वही इंक़िलाब फाउंडेशन के अविनाश का कहना है कि देवी पाटन मण्डल मुख्यालय पर विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग हम सभी की ओर से कई वर्षों से की जा रही थी। स्थानीय जनता और छात्र छात्राओं की ओर से समय,समय पर किए गए धरना प्रदर्शन व मांग पत्र का संज्ञान लेते हुए. वर्ष 2021 में तत्कालीन मंडलायुक्त श्री एसवीएस रंगाराव ने मंडल मुख्यालय पर विश्वविद्यालय निर्माण को लेकर उपयुक्त भूमि के चयन के लिए जिलाधिकारी को निर्देश दिया था। इसके बाद जनपद गोंडा की कर्नलर्गज तहसील की ग्राम पंचायत डोमाकल्पी में विश्वविद्यालय के लिए प्रदेश सरकार मिल्कियत की 58ण्3 एकड़ भूमि का चुनाव किया गया। आयुक्त महोदय ने विश्वविद्यालय की स्थापना के सम्बंध में उक्त चिन्हित भूमि का प्रस्ताव शासन को भेजा। इस क्रम में शासन ने तत्कालीन विशेष सचिव उच्च शिक्षा श्री मनोज कुमार निदेशक उच्च शिक्षा डॉ अमित भारद्वाज व अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग प्रान्तीय खण्ड गोण्डा श्री देवेंद्र मणि की तीन सदस्यीय
कमेटी गठित कर चिन्हित भूमि की उपयोगिता पर रिपोर्ट तलब किया। इस कमेटी ने 23 नवंबर 2021 को प्रस्तावित स्थल का भौतिक निरीक्षण कर चिन्हित स्थल को विश्वविद्यालय निर्माण के लिए उपयुक्त स्थल मानते हुए रिपोर्ट शासन को भेज दी। डोमाकल्पी में विश्वविद्यालय निर्माण को लेकर समाचार पत्रों में भी खबरें भी प्रमुखता से प्रकाशित हुईं जिसके बाद से मंडल के लोगों की भावना यहां से जुड़ गई हैं। बजट सत्र में देवीपाटन मंडल मुख्यालय पर मां पाटेश्वरी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा होने के बाद लोगों का भरोसा और बढ़ गया। पिछले कुछ दिनों में अचानक बलरामपुर जनपद के कतिपय लोगों द्वारा
विश्वविद्यालय के स्थल को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। । ऐसे लोग मां पाटेश्वरी के नाम पर तुलसीपुर या बलरामपुर जनपद में ही विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग कर मां पाटेश्वरी की
महिमा को संकुचित करने का दुष्कृत्य कर रहे हैं। मां पाटेश्वरी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना ग्राम पंचायत डोमाकल्पी विकास खंड.परसपुर जनपद गोण्डा में किए जाने से आमजन व विशेषकर छात्र, छात्राओं को निम्न सुविधाएँ मिलेगी।
1 – मण्डल मुख्यालय होने के चलते प्रशासनिक गतिविधियों के लिये उपयुक्त।
2 – चिन्हित स्थल डोमाकल्पी लखनऊ.गोण्डा मुख्यमार्ग से मात्र 5 किमी दूरी पर स्थित होने से आवागमन की सुगमता।
3 – लखनऊ.गोरखपुर रेल प्रखंड के निकट होने से देश,प्रदेश के विभिन्न छेत्रों से आने जाने वाले छात्र, छात्राओं के लिये सुविधा जनक।
4 – मंडल मुख्यालय गोण्डा से कुल १6 किमी व लखनऊ से 00 किमी की दूरी पर स्थित।
5 – मंडल मुख्यालय पर स्थित होने से अन्य जनपद बलरामपुर श्रावस्ती व बहराइच के लोग अविभावकों को अपने बच्चों से मिलने में सहूलियत।
6 – राजधानी मार्ग व मंडल मुख्यालय पर होने से बलरामपुर जनपद के लोगों के लिये अधिक सुगम।
7 – राजधानी के मुख्य मार्ग से जुड़ने के चलते शासन प्रशासन के लिये सुगम।
8 – डोमाकलपी भगवान श्री राम जन्मभूमि अयोध्या के 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के निकट होने से भविष्य में वैकल्पिक संपर्क मार्ग का लाभ।
9- डोमाकल्पी में उत्तर प्रदेश सरकार के मिल्कियत की भूमि होने से अधिग्रहण के अनावश्यक व्यय से मुक्ति।
10 – डोमाकल्पी में स्थित भूमि बाढ़ आपदा से पूर्णतया सुरक्षित।
11 – गोण्डा व बहराइच जनपद की आबादी अधिक होने तथा डिग्री कॉलेज कि संख्या विश्वविद्यालय स्थापना के मानक के अनुरूप ।
12 – बलरामपुर तराई जनपद है। जहां ज्यादातर समय वाढ़ व जलभराव के चलते छात्र: छात्राओं की पढ़ाई बाधित होने का खतरा ।
आदि बिन्दुओं के आधार पर विश्वविद्यालय गोण्डा में ही होना चाहिये
रिपोर्ट अहमद हसन